लोककथाएं अर्थात लोक में प्रचलित प्राचीन गाथाएँ। कोई लोककथा कितनी पुरानी है, कोई भी नहीं बता सकता कि उन्हें पहले-पहल किसने कहा होगा। लोक-कथाएं एक कान से दूसरे कान में, एक देश से दूसरे देश में जाती रहती हैं। एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने पर इन कथाओं का रूपरंग भी बदलता जाता है। एक ही कहानी अलग-अलग जगहों में अलग-अलग ढंग से कही-सुनी जाती है। इस तरह लोक कथाएं हमेशा नई बनी रहती हैं। लोककथाओं में सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इनमें पशु-पक्षी, सुर-असुर, देव-परियां, पेड़-पौधे, प्रकृति का मानवीकरण, चमत्कार आदि सभी कुछ होने के बावजूद मनुष्य के दुःख-सुख और उसकी अभिलाषाओं की तृप्ति निहित रहती है । यह लोककथाएं ही हैं जो हमें बोध करवाती हैं कि मूल रूप में समस्त विश्व में मनुष्य का स्वभाव एक जैसा ही है। भारत के अलग अलग प्रदेशों के साथ दूसरे देशों की भी उपलब्ध संकलित लोककथाओं में से कुछ सुनिए अरपा रेडियो के औडियो संग्रहण में।
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लोककथाएं अर्थात लोक में प्रचलित प्राचीन गाथाएँ। कोई लोककथा कितनी पुरानी है, कोई भी नहीं बता सकता कि उन्हें पहले-पहल किसने कहा होगा। लोक-कथाएं एक कान से दूसरे कान में, एक देश से दूसरे देश में जाती रहती हैं। एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने पर इन कथाओं का रूपरंग भी बदलता जाता है। एक ही कहानी अलग-अलग जगहों में अलग-अलग ढंग से कही-सुनी जाती है। इस तरह लोक कथाएं हमेशा नई बनी रहती हैं। लोककथाओं में सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इनमें पशु-पक्षी, सुर-असुर, देव-परियां, पेड़-पौधे, प्रकृति का मानवीकरण, चमत्कार आदि सभी कुछ होने के बावजूद मनुष्य के दुःख-सुख और उसकी अभिलाषाओं की तृप्ति निहित रहती है । यह लोककथाएं ही हैं जो हमें बोध करवाती हैं कि मूल रूप में समस्त विश्व में मनुष्य का स्वभाव एक जैसा ही है। भारत के अलग अलग प्रदेशों के साथ दूसरे देशों की भी उपलब्ध संकलित लोककथाओं में से कुछ सुनिए अरपा रेडियो के औडियो संग्रहण में।
कोंकड़ी/Konkani :राजा की भैंस ने घोड़ा जना /raja ki bhains ne ghoda jana
देश विदेश की लोक कथाएं Desh videsh ki Lok Kathaye
8 minutes
3 years ago
कोंकड़ी/Konkani :राजा की भैंस ने घोड़ा जना /raja ki bhains ne ghoda jana
arpaa radio production :
Desh-Videsh ki lok-kathayen/ देश विदेश की लोककथाएं
कोंकड़ी लोककथा : राजा की भैंस ने घोड़ा जना
Folklore of Konkani : raja ki bhains ne ghoda jana
Voice : अर्चना साने : Archana Sane
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देश विदेश की लोक कथाएं Desh videsh ki Lok Kathaye
लोककथाएं अर्थात लोक में प्रचलित प्राचीन गाथाएँ। कोई लोककथा कितनी पुरानी है, कोई भी नहीं बता सकता कि उन्हें पहले-पहल किसने कहा होगा। लोक-कथाएं एक कान से दूसरे कान में, एक देश से दूसरे देश में जाती रहती हैं। एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने पर इन कथाओं का रूपरंग भी बदलता जाता है। एक ही कहानी अलग-अलग जगहों में अलग-अलग ढंग से कही-सुनी जाती है। इस तरह लोक कथाएं हमेशा नई बनी रहती हैं। लोककथाओं में सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इनमें पशु-पक्षी, सुर-असुर, देव-परियां, पेड़-पौधे, प्रकृति का मानवीकरण, चमत्कार आदि सभी कुछ होने के बावजूद मनुष्य के दुःख-सुख और उसकी अभिलाषाओं की तृप्ति निहित रहती है । यह लोककथाएं ही हैं जो हमें बोध करवाती हैं कि मूल रूप में समस्त विश्व में मनुष्य का स्वभाव एक जैसा ही है। भारत के अलग अलग प्रदेशों के साथ दूसरे देशों की भी उपलब्ध संकलित लोककथाओं में से कुछ सुनिए अरपा रेडियो के औडियो संग्रहण में।